Aaj Ka Rashifal, Today’s Rashifal

Rashifal, jyotish shastra ka ek mahatvapurn hissa hai jo vyakti ke janma tithi aur samay ke adhar par unke bhavishya ka bodh karta hai. Har rashifal apne aap mein ek khaas vyaktitva aur guno ka pratinidhitva karta hai. Pratyek rashi ke liye alag-alag grah evam unki sthitiyon ka prabhav hota hai, jo vyakti ke jivan par prabhavit hota hai.

hum aaj btayege aaj ka rashifal kaisa rahega?

Jaise ki, Mesh rashi wale log aksar sahasi aur udyami hote hain, jabki Vrishabha rashi ke log sthir aur dhairyavan hote hain. Mithun rashi ke log chatur aur vyavsayik hote hain, jabki Kark rashi ke log sneh aur parivaarik prem mein vishesh ruchi rakhte hain.

Is tarah, pratyek rashi ke lie alag-alag mahine ke rashifal hote hain, jo unke jivan ke vibhinn kshetron jaise karyakshetra, vyavsay, swasthya, aur prem-prasangon par prakash dalte hain. In rashifalon se vyakti ko apne jivan mein sahi disha aur disha mil sakti hai.

Dhyan dena avashyak hai ki rashifal sirf ek margadarshak hai aur vyakti ke prayas, karm aur bhagya par bhi prabhav dalta hai. Isliye, niyamit rup se apna rashifal dekhkar vyakti apne jivan ko behtar bana sakte hain.

chaliye jaante hai aaj ka rashifal kaisa rahega?

मेष राशि :-

Aries (मेष): Aaj aapke liye naye avasar aur unnati ka din ho sakta hai. Karya mein lagan aur mehnat se aap safalta prapt kar sakte hain jitni mehnat rahegi utani safalta.

वृष राशि :-

Taurus (वृष): Aaj aapko apne vyavsayik ke chetra mein naye rukh ka pata chal sakta hai. Kuch naye vichar aapke man mein aayenge, jo aapki pragati mein madad karenge. subh rang pila.

मिथुन राशि :-

Gemini (मिथुन): Aaj aapko apne vicharon aur vyavhaar par dhyan dena hoga. Samajik paristhitiyon mein savdhani aur samajhdari bartav karein. [subh rang hara- green]

कर्क राशि :-

Cancer (कर्क): Aaj aap apne parivarik jeevan mein samriddhi aur anand ka anubhav kar sakte hain. Parivar ke saath samay bitane se aapki khushiyan dugni ho sakti hain. [subh rang neela]

सिंह राशि :-

Leo (सिंह): Aaj aapko apne karya mein naye prayas aur naye avasar mil sakte hain. Karya mein mehnat aur lagan dikhane se aapko safalta milegi. [subh rang laal]

कन्या राशि :-

Virgo (कन्या): Aaj aapke liye samajik aur vyavsayik sthitiyan sthir ho sakti hain. Samay ka sahi istemal karke aap apne lakshyaon ki aur Teezi se aage badh sakte hain. [subh rang gulaabi]

तुला राशि :-

Libra (तुला): Aaj aapko apne vicharon ko vyakt karna hoga aur apne drishti mein sthirta lane ki zaroorat hogi. Samvad aur samajhdari se aap apne lakshyaon tak pahunch sakte hain. [subh rang safed]

वृश्चिक राशि :-

Scorpio (वृश्चिक): Aaj aap apne swasthya aur vyavsayik ke chetra mein sudhar dekh sakte hain. Swasth rahne ke liye achhi aahar aur vyayam par dhyan dein. [subh rang light grey]

धनु राशि :-

Sagittarius (धनु): Aaj aapko apne karya ke chetra mein naye avasar mil sakte hain. Karya mein mehnat aur lagan dikhane se aapko safalta milegi. [subh rang aasmaani]

मकर राशि :-

Capricorn (मकर): Aaj aapko apne vyavsayik aur vyaktigat jeevan mein samay aur dhyan dena hoga. Samajik paristhitiyon mein bhi savdhani aur samajhdari bartav karein. [subh rang black]

कुम्भ राशि :-

Aquarius (कुम्भ): Aaj aapke liye kuch naye avasar aur anubhav ho sakte hain. Naye vichar aur prayas se aap apne lakshyaon ko prapt kar sakte hain. [subh rang orange]

मीन राशी :-

Pisces (मीन): Aaj aapko apne karya mein naye rukh ka pata chal sakta hai. Kuch naye vichar aur prayas se aapko safalta milegi. [subh rang light pink]

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Dimag Kab Tez Kaam Karta hai, Or Kab Dhire

यह दिमाग आपको बेवकूफ बनाता है और इसलिए
आपको इसकी हरकतें
समझ और समझकर इस दिमाग को यूज करना होगा

नहीं तो ये दिमाग आपको यूज करेगा जो कि कर

ही रहा है अगर आपने इस BLOG में ध्यान

से ये जो थ्योरी मैं बताने वाला हूं अपने

दिमाग को समझने की वो अगर आपने ढंग से समझ

ली तो आप अपने दिमाग को अपने फेवर में

अपने फायदे में यूज करोगे देखो गुड न्यूज़

ये है कि बहुत ज्यादा लोग अपने दिमाग से

काम नहीं करवा पा रहे हैं उनका दिमाग उनको

चला रहा है किसी भी फील्ड में अगर आपको

अपना करियर बनाना है तो आपको पहले इमोशंस

अटेंशन और एक्शंस इन तीनों पर कंट्रोल

 

 

करना होगा शुरू का एक साल सबको आसान लगता

है हर फील्ड का आसान होता है रियल कंपटीशन

जब स्टार्ट होता है तब आपको इन तीन हथियार

की जरूरत पड़ती है वीडियो में आपका दिया

हुआ एक एक मिनट में वसूल करने वाला हूं

कंटेंट क्वालिटी अपन कॉम्प्रोमाइज करते ही

नहीं आपको पता होगा किसी से दोस्ती करनी
होती है हम उसका नेचर समझते हैं दिमाग से

दोस्ती करनी है आपको इसका नेचर समझना होगा

नेचर मैं आपको थ्योरी से समझाऊं थ्योरी वन

स्टार्ट दिमाग दो चीज मुश्किल से कर पाता
है इसलिए एक वक्त एक चीज करो कोई पहली बार

जिम गया ट्रेनर ने बोला कि 20 स्क्वाट्स

लगा उसने जिंदगी में कभी नहीं लगाया तो

उसके लिए पहले बैलेंस और पोचर बनाना

डिफिकल्ट होगा क्योंकि माइंड मसल कनेक्शन

बनना बाकी है सेम ड्राइविंग के वक्त होता

है साइकलिंग के वक्त होता है स्केटिंग के

वक्त होता है पॉइंट होल्ड करना मैं जो

बोलने वाला हूं स्क्वाट्स लगाने में माइंड

मसल कनेक्शन चाहिए था ये तो दिमाग की एक

जंग चल ही रही थी अब इन भाई साहब को आप 10

किलो की प्लेट दे दो अब दूसरी जंग छिड़ गई

सेल्फ कंट्रोल की माइंड दो चीज एक साथ में

नहीं कर पाता है लॉ ऑफ लीस्ट एफर्ट कहता

है कि इंसान उस चीज से दूर भागता है जहां

पर एफर्ट्स बहुत ज्यादा होते हैं आदि मानव

से लेकर के अब तक जितनी भी चीजें बनी है

इंसान अपने जीवन को आसान बना रहा है

थ्योरी वन इंसान आसानी की तरफ जाता है

एफर्ट्स नहीं पसंद है थ्योरी वन थ है

थ्योरी टू सुनते रहना आप तो फिर एफर्ट कब

लगाता है इंसान क्योंकि एफर्ट लगाता तो है

हम देखते हैं साइंटिस्ट लोग क्या क्या

करते हैं कोई भी कॉग्निटिव वर्क दिमाग

लगाने वाला काम रीजनिंग पजल सॉल्विंग

मैथमेटिकल प्रॉब्लम फिजिक्स ये सब एफर्ट

लगाने वाला काम इंसान तब कर पाता है

ओबवियस सी बात हम सबको पता है जब इंसान को

इंटरेस्ट आता है थ्योरी वन कहती है कि

इंसान लॉ ऑफ लीस्ट एफर्ट की तरफ जाता है

थ्योरी टू कहती है कि इंटरेस्ट हो तो

इंसान कर लेता है सुनना क्योंकि जब

इंटरेस्ट होता है तो क्या होता है फ्लो

स्टेट बनती है और लो स्टेट में एफर्ट से

भरा काम भी चुटकियों में हो जाता है इंसान

से थ्योरी थ्री साइकोलॉजिस्ट ने ये प्रूव

कर लिया कि कोई भी इंसान अगर ऐसा काम कर

रहा है जिसमें बहुत ज्यादा दिमाग लग रहा

है और उसके सामने एक कोई फेवरेट चीज पड़ी

है जो उसको नहीं खानी चाहिए डाइटिंग पे चल

रहा है नहीं खानी चाहिए लेकिन अगर वो

दिमाग का काम कर रहा है तो वो खा लेगा

उसके चांसेस ज्यादा है क्यों क्योंकि एक

तो ऑलरेडी वो दिमाग वाला काम कर रहा है

दूसरी तरफ अपने आप को उस फेवरेट चीज को ना

खाने में कंट्रोल करने में भी एनर्जी लगती

है तो इंसान दो चीजें नहीं कर पाता इसीलिए

जब भी कोई इंसान पढ़ाई करने बैठता है या

फिर काम करने के लिए बैठता है तब उसके लिए

बहुत डिफिकल्ट होता है मोबाइल को ना छूना

क्योंकि एक तो ऑलरेडी दिमाग पढ़ाई और काम

में लगा है और दूसरी तरफ दिमाग लगाना पड़
रहा है फोन को ना टच करना तो इंसान दो

चीजें नहीं कर पाता सही से एविडेंस में

मिला है कि कुछ मिनट के लिए अगर किसी को

सेवन डिजिट्स याद करने के लिए दे दी जाए

और उसके सामने एक तरफ चॉकलेट केक रख दिया

जाए और दूसरी तरफ रख दिया जाए फ्रूट सैलेड

तो वो चॉकलेट केक चूज करेगा उसके चांसेस

ज्यादा है क्योंकि आपका दिमाग ऑलरेडी बिजी

है सेवन डिजिट्स को याद करने के लिए इसलिए

उसकी इतनी हिम्मत नहीं बची है कि आपको रोक

पाए चॉकलेट केक खाने से अब थ्योरी फोर

सुनना आप स्टेप बाय स्टेप वीडियो थोड़ी सी

डेप्थ में जा रही है सुनते रहना आपके अंदर

हम सबके अंदर लिमिटेड अमाउंट की वल पावर

होती है जिसको सुबह उठने के बाद से ध्यान

से खर्च करनी चाहिए यानी डिसीजन लेने की

पावर जो होती है वोह लिमिटेड होती है कैसे

सुनना साइकोलॉजिस्ट रॉय बाउ मिस्टर और

उनके कलीग्स को एक्सपेरिमेंट में यह मिला

कि आपकी एनर्जी बहुत कम खर्च होती है अगर

आप उस काम को अपनी मर्जी से अपनी इच्छा से

करते हो क्योंकि वहां पर मेंटल प्रेशर कम

लग रहा है इसलिए भाई साहब हमें यह बात समझ

आ रही है कि हमें अपना काम वो करना चाहिए

जिस काम से हम प्यार करते हैं क्योंकि

इसमें ए प्रास लग ही नहीं रहा उसी काम को

दूसरे को करने में उसकी एनर्जी ज्यादा

लगेगी बाउ मिस्टर की टीम ने आगे क्या पता

लगाया सुनना इन्होंने पता लगाया हर मेंटल

प्रेशर एक लिमिटेड बैटरी की तरह होता है

अगर आपसे फोर्स करके कोई काम करवाया जाए

ये रिसर्च है अगर आपसे कोई फोर्स करके काम

करवा दे और उसमें बहुत ज्यादा सेल्फ

कंट्रोल लगा तो उसके बाद में आप दूसरा काम

100% फोकस के साथ में नहीं कर पाओगे

इसीलिए कई लोग जो होते हैं जो जॉब करते

हैं जिनको वो पसंद नहीं है लेकिन उसके बाद

में वो अपना कुछ करना चाहते हैं वो 100%

फोकस के साथ में नहीं कर पाते क्योंकि

बैटरी यूज हो चुकी है इस चीज को को

डिप्लीशन कहते हैं 3 घंटे के मेंटल

एफर्ट्स के बाद में किसी के सामने अगर

चॉकलेट रखो जो कि अगर वो डाइट पे चल रहा

है उसको नहीं खानी चाहिए तो चांसेस ज्यादा

है कि तब भी वो खा लेगा क्योंकि कंट्रोल

करने की एनर्जी नहीं बची अब रिसर्चर ने

इसका उल्टा भी करा कि इसको उल्टा करके

देखते हैं एक बारी जिसमें पार्टिसिपेंट्स

को पहले चॉकलेट दी गई खाने के लिए उसके

बाद में मेंटल वाला काम दिया गया तो हुआ

ये कि इन्होंने सेल्फ कंट्रोल कर लिया

चॉकलेट नहीं खाई लेकिन क्योंकि उसके बाद

में एनर्जी खर्च हो गी तो इनको अब रीजनिंग

वर्क दिया गया कोई दिमाग वाला काम दिया

गया तो इनसे इतने अच्छे तरीके से नहीं हुआ

क्योंकि हर डिसीजन हर सेल्फ कंट्रोल एक

कॉस्ट है जो लिमिटेड है अब क्योंकि हम बात

कर रहे हैं माइंड की तो इससे रिलेटेड आप द

पावर ऑफ योर सबकॉन्शियस माइंड ऑडियो बुक

सुन सकते हो कोको एफएम पर जैसे ऑलरेडी 1

करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने सुन लिया है

और एक और अनलॉक योर सबकॉन्शियस पावर ऑडियो

शो आप सुन सकते हो जिसको 9 लाख से भी

ज्यादा लोग सुन चुके हैं जिसमें कई

काउंटलेस प्रिंसिपल आपको इन दोनों शोज में

मिलने वाले हैं रिसेंटली मैंने अपना डाटा

देखा तो पता चला लाखों सब्सक्राइबर्स ने

मेरी वीडियोस देखकर कुक एफएम को सुन रहे

हैं लेली कुछ ना कुछ नया सीख रहे हैं अब

थ्योरी फाइव में मैं आपका बेजा और अच्छे

से खोलने वाला हूं हमने जाना कि रिसर्चर

ने पता लगाया कि सेल्फ कंट्रोल होता है

मेंटल प्रेशर होता है इससे बॉडी की एनर्जी

यूज होती है ब्लड ग्लूकोज कम होता है ये

करने से अब इसको रिसर्चस ने किस लेवल तक

प्रूव करा वो सुनो एक फेमस स्टडी है जिसका

नाम है हंग्री जज इफेक्ट इसमें एट इजराइली

परोल जजेस को ऑब्जर्व किया गया जजेस जो

फैसले लेते हैं हर जज 6 मिनट लेता था किसी

भी फैसले को लेने में किसी भी केस में

जिसमें बहुत से केसेस जजेस ने डिनायल ही

एप्लीकेशंस अप्रूव की और जब इन्हीं जजेस

को तीन ब्रेक्स दिए गए ब्रेकफास्ट लंच और

स्नैक्स तो उसके बाद में रिसर्चस ने देखा

कि जजस को ब्रेक देने की वजह से उनके

फेस्ट लेस सुनाने पर फर्क पड़ा ब्रेक लेने

के बाद वाली एप्लीकेशंस जो सामने आई वो

मोस्टली सब अप्रूव होने लगी ब्रेक के बाद

में और जब ब्रेक आने वाला होता था ब्रेक

से पहले जब भूख बहुत ज्यादा लग जाती थी जब

बॉडी में ग्लूकोज कम होता था तब जजेस सारी

एप्लीकेशंस रिजेक्ट करने लगे ग्लूकोज की

कमी आपके डिसीजंस को इस लेवल तक कंट्रोल

करती है जजस की एनर्जी नहीं बची मेंटल

एनर्जी लगाकर फैसला लेने की इसलिए सीधी

एप्लीकेशंस वो रिजेक्ट करने लगे पर ब्रेक

के बाद में वो एप्लीकेशंस को अप्रूव करने

लगे इससे क्या समझ आता है कि हमें अपना

हाईएस्ट प्रायोरिटी वाला काम तब करना

चाहिए जब हमारी एनर्जी हाई होती है थ्योरी

सिक्स ज्यादातर लोग दिमाग लगा नहीं पाती

है लॉ ऑफ लीस्ट एफर्ट हमने जाना है कि

इंसान आसानी की तरफ ज्यादा भागता है अब

मैं आपसे एक सवाल पूछता हूं एक बैट और बॉल

दोनों की टोटल कॉस्ट आती है $110 ध्यान

देना बैट की कॉस्ट बॉल से $100 ज्यादा है

मतलब जो बैट है वो बॉल से $100 महंगा है

तो आप बताओ कि बॉल की कॉस्ट क्या है आपके

दिमाग में आ रहा होगा कि बॉल की कॉस्ट है

$10 गलत आंसर है $5 बॉल की कॉस्ट अगर $10

होती तो बैट उससे $1 महंगा यानी कि $110

का तो बैट हो जाता और दोनों की टोटल तो

$120 हो रही है यहां पे जबकि दोनों की

टोटल तो $110 होनी चाहिए पांच जवाब सही है

क्योंकि $5 की बॉल $100 महंगा यानी कि $5

का बैट दोनों की टोटल हो गई $0 बचपन में

हमने ऐसे कितने ही गेम्स खेले हैं नंबर

गेम कार्ड्स गेम जिसमें एक बार इंसान तो

गलत जवाब देता ही है क्यों क्योंकि हमें

इंटू जो आता है जो हमें एक बार लगता है

वही हम सच मान लेते हैं लेकिन अगर हम

एफर्ट लगाकर सोचे तो जवाब हमें समझ आ जाता

है कि यार ये नहीं ये है लेकिन एफर्ट

लगाना हमें नहीं पसंद है लेकिन लॉ ऑफ

लिस्ट एफर्ट कहता है कि इंसान को एफर्ट

लगाना नहीं पसंद है इंटू जो आता है वो मान

लेता है हावर्ड एमआईटी एंड प्रिंसटन के 80

पर स्टूडेंट्स ने इसका जवाब गलत दिया था

जो आपसे पूछा मैंने बैट बॉल वाला क्योंकि

उन्होंने एफर्ट्स नहीं लगाए समझने में कि

बात क्या हो रही है उन्होंने अपने सिस्टम

टू पर कोई प्रेशर नहीं लगाया है सिस्टम वन

और टू ऑलरेडी मैंने इस वीडियो में समझा

दिया है दिमाग का सिस्टम वन वो होता है

जिसमें इमीडिएट हमें जो लगता है वो मान

लेते हैं और सिस्टम टू वो होता है जिसमें

हम एनालाइज करके एफर्ट लगाकर बात को समझते

हैं अब आते हैं थ्योरी सेवन पर जो साबित

करता है कि जिस इंसान के अंदर सेल्फ

कंट्रोल की पावर होती है वो वाकई में अपने

करियर में भी अच्छा परफॉर्म करता है इसको

टॉलरेंस लेवल भी कह सकते हो किसी इंसान का

टॉलरेंस लेवल कैसा है उससे उस का करियर

डिफाइन हो रहा है वाल्टर मिस्कल ने 4 साल
के बच्चे को बोरिंग रूम में रखा और उनके

सामने एक बिस्किट रखा गया जिसको चाहे तो

वो खा सकते हैं पर अगर वो ना खाए 15 मिनट

कंट्रोल कर ले तो उसको रिवॉर्ड में दो

बिस्किट्स मिलेंगे और वो चाहे तो टास्क को

बीच में छोड़ भी सकता है क्विट भी कर सकता

है घंटी बजाकर आधे बच्चों ने टास्क को

कंप्लीट किया 15 मिनट वेट कर लिया आधे

बच्चों ने एक बिस्किट खा लिया 10 साल 15

साल के बाद उन बच्चों ने जिन्होंने 15

मिनट वेट करा बिस्किट नहीं खाया और जिनसे

15 मिनट वेट नहीं हुआ और उसी एक बिस्किट

को खा लिया इन दोनों के करियर में एक

पैटर्न मिला जिन्होंने 15 मिनट तक कंट्रोल

करा टॉलरेंस जेला रेसिस्ट कर पाए उनकी

मेंटल एबिलिटी कॉग्निटिव एबिलिटी और

अटेंशन स्पैन ज्यादा था जिस वजह से ये

पढ़ाई में फड रहे थे ग्रेड्स ला रहे थे

अकडम परफॉर्मेंस बेटर था उनसे जिनका 15

मिनट का भी सेल्फ कंट्रोल नहीं था बिस्किट

खा लिया अब इनको क्या पता था कि बिस्किट

खाने से 1015 साल बाद ये हो जाएगा अब गौर

फरमाना थ्योरी एट के ऊपर एक बार नास्तिक

इंसान बिलीवर से कहता है कि मैं गॉड में

बिलीव रखता नहीं हूं बिलीवर पूछता है कि

तुमने लास्ट बार कब प्रे करा था कब मदद

मांगी थी तो नास्तिक कहता है कि एक बार

मैं ट्रैकिंग पर गया था कहीं पे और वहां

पर तूफान की वजह से फंस गया था और गॉड से

मैने बहुत चिला चिला कर हेल्प मांगी थी

तो बिलीवर कहता है कि देखो तुम्हारी हेल्प

होगी तभी तुम आज जिंदा हो तो नास्तिक कहता

है कि नहीं नहीं मैं गॉड की वजह से जिंदा

नहीं हूं मैं उन लोगों की वजह से जिंदा

हूं जिन्होंने मेरी आवाज सुनी और मेरे को

बचाने के लिए आ गए थे इस चीज को बोलते हैं

कंफर्मेशन बायस कि जब इंसान सिर्फ लॉजिस

देखता है कि मैं मैंने ये देखा हुआ है और

मैं सिर्फ यही मानता हूं पर सच ये भी तो

हो सकता है कि गॉड ने किसी इंसान को जरिया

बना कर के उस इंसान को बचाने के लिए भेजा

था इंसान सिर्फ वो मानता है जो उसने देखा

है बीच की मिलावट या उसके पीछे की कारीगरी

जो होती है वो पहचान नहीं पाता है क्योंकि

इंसान को एफर्ट्स लगाकर देखना नहीं पसंद

है और इस चीज की एडवांटेज दी जाती है जब

किसी पर्सनालिटी को अपनी इमेज बनानी हो या

किसी कंपनी को एडवर्टाइज करके अपने

प्रोडक्ट सेल करने हो क्योंकि बार-बार आप

जो देखते हो आसानी से आपको जो समझ आता है

वही आप मान लेते हो क्योंकि इंसान को

दिमाग लगाना नहीं पसंद है और इसको कहते

हैं हेलो इफेक्ट ऑथर ने फिर से एक

एक्सपेरिमेंट किया ये सुनना आप इन्होंने

प्रूव करा जहां पर लोगों को कुछ

स्टेटमेंट्स दिखाए गए और साथ में इनको कुछ

डिजिट्स याद करने के लिए बोला गया तो

लोगों ने स्टेटमेंट को इसलिए ट्रू मान

लिया सच मान लिया स्टेटमेंट को क्योंकि उन

उनका दिमाग ऑलरेडी बिजी था डिजिट्स को याद

करने में इसीलिए कन्फ्यूज्ड इंसान से अपनी

बात मनवाना आसान होता है बिकॉज वो ऑलरेडी

एनालाइज करने वाले जन में नहीं है वो

एनालाइज नहीं कर सकता उसका दिमाग कुछ और

एनालाइज कर रहा होता है अब आपको समझ आ रहा

होगा कि गेम के बड़े प्लेयर्स जो होते हैं

वो जनता को कन्फ्यूज्ड क्यों रखना चाहती

है हेलो इफेक्ट अब आते हैं इस वीडियो की

सबसे आखिरी थ्योरी और सबसे इंटरेस्टिंग

थ्योरी आप लोग जिंदगी भर झूठ पाल रहे थे

हैं इंसान कब खुश होता है वो देखना जर्मन

स्टूडेंट्स पर सर्वे किया गया और उनसे

सवाल करा गया कि आप लोग कितने खुश हो पहला

सवाल आप लोग कितने खुश हो दूसरा सवाल कि

आप लोग लास्ट मंथ कितनी डेट्स पर गए थे लग

रहा होगा कि जो डेट्स पर गए थे वह खुश थे

नहीं सवाल के पूछने के तरीके से पता लग

रहा है कि वह खुश है या नहीं है डेट्स पर

गया या नहीं उससे मैटर नहीं कर रहा इनसे

जब पहला सवाल ही खुशी का करा कि आप खुश हो

या नहीं तब इनको डेटिंग का ख्याल ही नहीं

आया बिना एफर्ट इन्होंने जवाब दे दिया कि

वी आर नॉट हैप्पी लेकिन जब इन्हीं लोगों
से सेम सवाल रिवर्स मोड में पूछा पहले

पूछा कि आप लोग कितनी लास्ट मं डेटिंग पे

गए थे उसके बाद में पूछा कि आप लोग कितने

खुश हो तब सारे लोगों ने जो डेट्स पर जा

रहे थे वो लोग कह रहे थे कि हम तो खुश हैं

पहले डेट्स का सवाल करते ही इनको याद आया

कि ओ हम तो खुश हैं इसलिए दूसरा सवाल करते

ही वो बोलते हैं कि यस वी आर हैप्पी

रोमांटिक लाइफ इनको याद आई दिमाग का

इमोशनल रिएक्शन एक्टिव हुआ हैप्पी

मोमेंट्स इनको याद आए इसीलिए दूसरे सवाल

में बोल दिया कि वी आर हैप्पी तो क्या समझ

आता है आप किस क्रम में चीजें सोचते हो

पहले आपने क्या सोचा बाद में आप क्या सोच

रहे हो उस तरीके से आपका दिमाग रिएक्ट

करता है उस तरीके से आपका एटीट्यूड भी
बनता है यहां हुआ ये कि इंसान को दिमाग
लगाना नहीं पसंद है पहले खुशी का स्टेटस
पूचा तो बिना एफर्ट लगाए रेडीमेड ने जवाब
दे दिया नो फिर दूसरे सर्वे में पहले
डेटिंग का सवाल पूछा गया तो इन्होंने
एफर्ट लगाया कि यार मैं तो खुश हूं यार हो
तो रहा है सब इसीलिए कहते है कि ग्रेटी
ूडल मेरे पास में क्या है किन चीजों की
वजह से आज मैं ग्रेटफुल हूं वो लिखो
क्योंकि उससे फीलिंग आती है पॉजिटिव वाली
उससे अच्छा फील होता है और उस अच्छे फील
के साथ में आप कोई भी काम या पढ़ाई करो और
अगर आपको अब तक इस TOPIC की गहराई समझ
नहीं आई है तो इस TOPIC को फिर से देखकर
गहराई समझना ऑलवेज रिमेंबर मेरा सेकंड पार्ट अगर आपने
मेरा फर्स्ट क्या हां ये फर्स्ट पार्ट भी

आप 10 गुना तेज कैसे सोचो इस TOPIC SE
क्या सीखा है वो कमेंट करके बताओ कम से कम
चार पांच लाइंस की कमेंट करना ताकि मैं
अंदाजा लगा पाऊं कमेंट को पढ़कर कि या
मेरी बातें कितनी समझ आ रही है कितने
रिलेट हो पा रही है ताकि आगे ऐसी ARTICAL

बनाने का मुझे भी मन करें THANKYOU.